हरी-भरी धरती का यौवन जैसे नववधु सा सोलह श्रृंगार। हरी-भरी धरती का यौवन जैसे नववधु सा सोलह श्रृंगार।
नव नूतन वर्ष का यह पहला दिन मैं अपनी प्रीत के नाम करता हूँ ! नव नूतन वर्ष का यह पहला दिन मैं अपनी प्रीत के नाम करता हूँ !
जटिल पुरातन या हो नूतन, तजना कुरीति कोई पाप नहीं। उठो युवा तुम बदलो सितारे, किस्मत बदलती आप नहीं। जटिल पुरातन या हो नूतन, तजना कुरीति कोई पाप नहीं। उठो युवा तुम बदलो सितारे, क...
जो तुमसे ये सब मैंने पाया, तो कुछ नूतन कर पाऊँगी जो तुमसे ये सब मैंने पाया, तो कुछ नूतन कर पाऊँगी
पूर्ण कर अरमान, नूतन साल आया। जाग रे इंसान, नूतन साल आया। ख़ुशबुओं से तर हुईं बहती पूर्ण कर अरमान, नूतन साल आया। जाग रे इंसान, नूतन साल आया। ख़ुशबुओं से ...
आस की बूंदें मचलकर धरा पर जब पड़ी मचल उठा मन का मयूरा अवनी भी खिल पड़ी। आस की बूंदें मचलकर धरा पर जब पड़ी मचल उठा मन का मयूरा अवनी भी खिल पड़ी।